"स्कूल की सभी चीज़ें हर साल वही रहा करती है
,लेकिन बदलते तो सिर्फ़ बच्चों के चहरे है "
By-Arunarc
ख़्वाबों का एक मोहल्ला है
सब गलियाँ ,नुक्कड़ ,घर -द्वारे ।
सब आँगन , सीढ़ी, चौबारे ,
कितनी यादों को समेटे है ।
वो लम्हे जो कि बीत गए ,
वो लम्हे जो की साथ रहे
वो सारी बातें यारों की ,
कुछ जीतो की ,कुछ हारों की
वो गर्म चाय के प्याले कुछ ,
वो चुरा के खाए निबाले कुछ
बस्ते में छुपी ख़ुशियाँ सारी ,
एक आँख जो उसने थी मारी
वो लड़की भोली -भाली सी.....,
जो मुझसे हँस कर मिलती थी,
वो लड़का कुछ शर्मिला सा,
जो चुप रहता ......
पर आँखो से सब था कहता
और ऐसी ही कितनी ही यादे,
सब याद रहेंगी सदियों तक
"हम रोज़ नहीं मिल पायेंगे,
पर याद हमेशा आयेंगे",
ख़्वाबों का जो ये मोहल्ला है ,
इसमें यादों के समंदर है ,
यहाँ के सब सिकन्दर है
यहाँ के सब सिकन्दर है .......
Writer By -Haris vyas
ज़िंदगी के इस बदलते दौर ने हमें कहाँ से कहाँ पहुँचा दिया, जो था कभी कुछ दूरी का सफर , आज कई रातो का बना दिया
By-Arunarc