Saturday 1 July 2017

REAL LIFE SUCCESS STORY BY:- Arun Rajak

 
यह कहानी है 1938 की Karoly नाम के आदमी की जो Hungary country में रहते थे| Karoly Takacs Shooting प्लेयर थे (Best shooting players in the world)जिनती भी national championship हुई थी उस कंट्री मैं उसको वो जीत चूके थे और सबको पूरा यकीन था की 1940 में जो Olympic होने वाले है उसमे gold medal केरोली को ही मिलेगा और उन्होंने सालो से ट्रेनिंग करी थी|उनका एक ही सपना था एक ही focus था की मुझे अपने इस हाथ को दुनिया का सबसे best Shooting Hand बनाना है और वो कामियाब भी हो गए उन्होंने बना लिया अपने हाथ को बेस्ट Shooting Hand बस दो साल का फर्क था|Karoly Takacs Army में थे| 1938 मैं जब आर्मी का एक ट्रेनिंग कैंप चल रहा था तो practice के समय उनके साथ एक accident हो गया| उनके उसी हाथ मैं जिससे उनको गोल्ड मैडल जितना था (Right hand) मैं एक  हथगोला (Hand Grenade) का विस्फोट हो गया और वो हाथ चला गया 🙁जो उनका सपना था जो focus था (सब खत्म) 🙁 उनके पास 2 रास्ते थे एक तो यह था की वो अपनी बाकी की पूरी जिंदगी रोता रहे और कही जा करके छुप जाए, या अपना जो goal था जिसमे उन्होंने focus किया हुआ था उसको पकड़ करके रखे|तो उन्होंने फोकस किया, उसपे नही जो चला गया था जो उनके पास नही था| उन्होंने फोकस किया उसपे जो उनके पास था और क्या था उनके पास? एक left hand 🙂 एक ऐसा हाथ जिससे वो लिख तक नही सकता था|1 महीने तक हॉस्पिटल मैं उनका इलाज चला उस हाथ के लिए और ठीक 1 month बाद उन्होंने अपनी ट्रेनिंग शुरू करदी अपने उल्टे हाथ (left hand) की|Training के एक साल बाद मतलब 1939 में वो वापिस आए नेशनल चैंपियनशिप हो रहे थे वही हंगरी मैं और वहा पर बाकि के बहुत सारे बेस्ट पिस्टल शूटर थे|उन सब प्लेयर ने Karoly Takacs के पास जाकर उनको congratulate किया| कहा की यार यह होता है जस्बा, यह होती है sport man स्पिरिट, की इतना सबकुछ हो जाने के बाद भी तुम यहा पर आए हो हमको देखने के लिए और हमारा होसला बड़ाने के लिए|किसीको नही पता था की वो 1 साल से अपने लेफ्ट-हैण्ड की practice कर रहा था| फिर करोली ने जवाब दिया की मैं यहा तुम्हारा होसला बड़ाने नही आया हूँ, मैं यहा तुम्हारे साथ मुकाबला करने आया हूँ तियार हो जाओ|फिर मुकाबला चालू हो गया था| वहा पर बाकि जब जो मुकाबला करने आए थे वो fight कर रहे थे अपने बेस्ट हैण्ड से और जो Karoly था वो फाइट कर रहा था अपने ओनली हैण्ड से (मतलब कमजोर हाथ से)कोन जीता? the man will be only hand, Karoly जीत गया| 🙂 लेकिन वो यहा नही रुका उसका goal clear था की मुझे अपने इस हाथ को इस country का नही बल्कि पूरी दुनिया का सबसे बेस्ट शूटिंग हैण्ड बनाना है (World Best Pistol Shooter)अब उन्होंने अपना सारा जो फोकस था उन्होंने 1940 पर डाला जब Olympic होने वाले थे, लेकिन 1940 के जो Olympic होने वाले थे वो कैंसिल हो गये World War (विश्व युद्ध) की वजह से 🙁लेकिन वो फिर भी नही रुके अब उन्होंने अपना सारा focus 1944 मैं जो ओलिंपिक होने वाले थे वहा डाल दिया|लेकिन इस बार भी किस्मत ने करोली का साथ नही दिया क्योंकि 1944 मैं जो ओलिंपिक होने वाले थे वो भी cancle हो गए (विश्व युद्ध) की वजह से 🙁                                                                         लेकिन Karoly Takacs ने फिर भी हार नही मानी उनको अपने उपर पूरा भरोसा था की होगा-होगा एक न एक दिन जरुर होगा|
अब उन्होंने अपना सारा फोकस उठा कर डाल दिया 1948 होने वाले olympic पर| 1938 मैं उनकी age की 28 साल 1948 मैं आते-आते age हो चुकी थी 38 years. और जो youngers जो players आते है निकल करके उनसे मुकाबला करना बहुत की मुश्किल होता चला जाता है|लेकिन मुश्किल नाम का यह वर्ड था ही नही उनकी dictionary मैं 🙂वो गए पूरी दुनिया के best shooters आए हुए थे जो अपने बेस्ट हाथ से खेल रहे थे और यह अपने only hand से मुकाबला कर रहे थे| और कोन जीता??????? The man will be only hand.लेकिन वो फिरभी नही रुके, 1952 Olympics दुबारा से मुकाबला करा और इस बार गोल्ड मेडल कोण जीता? Karoly, 4 साल बाद दुबारा से और पूरी-की-पूरी history को बदल कर रख दिया था| इस पर्टिकुलर मैच मैं उससे पहले किसी भी प्लेयर ने लगातार 2 बार gold नही जीता था|