ये एक शहर है सपनो का ; ये एक गली वो एक खिड़की जो सपनो सी खुल जाती है ।
पागल सा वो एक लड़का और चंचल सी वो एक लड़की और कितने चेहरे खाबों के हर रोज़ सड़क पर मिलते है ।
ये उम्मीदों के सहज़ादे; सपनों के शहर के ये वासी; दुनिया का धड़कता दिल हैं ये हिम्मत का एक समन्दर हैं ; यहाँ के हम सिकंदर हैं ।
ये फक्कड़ भी है राजा भी ;दुनिया का बजा दे बाजा भी; ये लंगड़ डालें चाँद पे भी और बॉल बना ले सूरज की ;बड़े जान दे बोल के हर मुस्किल से भीड़ जाते हैं।
एक जेब झटक दे जहाँ भी ये सपनों के डेर लगते हैं।
ये उम्मीदों के सहज़ादे; सपनों के शहर के ये वासी ; दुनिया का धड़कता दिल हैं ये हिम्मत का एक समन्दर हैं ।
यहाँ के हम सिकंदर हैं ।
यहाँ के हम सिकंदर हैं ।