Wednesday, 6 September 2017

Happy Teachers Day -; By-Arun Rajak


                                     गुरुर्ब्रह्मा ग्रुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः ।
                                   गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः ॥
  1. We will always be thankful to you for all the hard work and efforts you have put in, for educating us.
  2. You have been my living inspiration, giving me lessons of truth and discipline. 
  3. Dear teacher, Thanks for supporting and enlightening all my way. If only I could have your blessing for a lifetime,
  4. Dear Sir, Thank You
    For continually Inspiring me to do my best
    You help me strive for goals,
    I found guidance, friendship, discipline and love, everything, in one person.
    And that person is you
  5. I am grateful to be your student. Thank you for challenging me to be my best and instilling in me a passion for learning.
  6. Wishing you joy and happiness, you are an amazing teacher, and you only deserve the best.


Dear sir
You have always inspire me to give your best, because of you I have learned to fulfill my goals ... I have found a master, friend, discipline, love everything in one person ... and that person is you. Happy Teachers Day from the bottom!





Name-: Sudarshan Gupta (MATHEMATICS)










Name-:Mukesh Mishra (PHYSICS)










Name-:Mahendra Sharma (CHEMISTRY)

 Name-: Ravishankar Tiwari (MATHEMATICS)

Monday, 4 September 2017

My Only Best Friend

A story tells that two friends were walking through the desert. During some point of the journey, they had an argument, and one friend slapped the other one in the face.
The one who got slapped was hurt, but without saying anything, wrote in the sand “Today my best friend slapped me in the face”.
They kept on walking until they found an oasis, where they decided to take a bath. The one who had been slapped got stuck in the mire and started drowning, but the friend saved him. After he recovered from the near drowning, he wrote on a stoneToday my best friend saved my life”.
The friend who had slapped and saved his best friend asked him, “After I hurt you, you wrote in the sand and now, you write on a stone, why?” The other friend replied “When someone hurts us we should write it down in the sand where winds of forgiveness can erase it away. But, when someone does something good for us, we must engrave it in stone where no wind can ever erase it.”
Moral: Do not value the things you have in your life. But value who you have in your life.                                                      

This story dedicated to my best Friend #Gourav singh Rawat

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Monday, 28 August 2017

30 low to archive for Success...... By -Arun Rajak

1 :  “जब लोग आपको “COPY” करने लगें तो समझ लेना जिंदगी में “SUCCESS” हो रहे हों.”
2 :  “कमाओ…कमाते रहो और तब तक कमाओ, जब तक महंगी चीज सस्ती न लगने लगे.”
3 : “जिस व्यक्ति का लालच खत्म, उसकी तरक्की भी खत्म.”
4 :  “यदि “Plan-A” काम नही कर रहा, तो कोई बात नही 25 और Letters बचे हैं उन पर Try करों.”
5 : “जिस व्यक्ति ने कभी गलती नहीं कि उसने कभी कुछ नया करने की कोशिश नहीं की.”
6: “भीड़ हौंसला तो देती हैं लेकिन पहचान छिन लेती हैं.”
7 : “अगर किसी चीज़ को दिल से चाहो तो पूरी कायनात उसे तुमसे मिलाने में लग जाती हैं.”
8 : “कोई भी महान व्यक्ति अवसरों की कमी के बारे में शिकायत नहीं करता.”
9 : ” महानता कभी ना गिरने में नहीं है, बल्कि हर बार गिरकर उठ जाने में है.”
10 : “जिस चीज में आपका Interest हैं उसे करने का कोई टाईम फिक्स नही होता. चाहे रात के 1 ही क्यों न बजे हो.”
11 : “अगर आप चाहते हैं कि, कोई चीज अच्छे से हो तो उसे खुद कीजिये.”
12 : “सिर्फ खड़े होकर पानी देखने से आप नदी नहीं पार कर सकते.”
13 : ” जीतने वाले अलग चीजें नहीं करते, वो चीजों को अलग तरह से करते हैं.”
14 : ” जितना कठिन संघर्ष होगा जीत उतनी ही शानदार होगी.”
15 : “यदि लोग आपके लक्ष्य पर हंस नहीं रहे हैं तो समझो आपका लक्ष्य बहुत छोटा हैं.”
 16 : “विफलता के बारे में चिंता मत करो, आपको बस एक बार ही सही होना हैं.”
17 : “सबकुछ कुछ नहीं से शुरू हुआ था.”
18 : “हुनर तो सब में होता हैं फर्क बस इतना होता हैं किसी का छिप जाता हैं तो किसी का छप जाता हैं.”
19 : “दूसरों को सुनाने के लिऐ अपनी आवाज ऊँची मत करिऐ, बल्कि अपना व्यक्तित्व इतना ऊँचा बनाऐं कि आपको सुनने की लोग मिन्नत करें.”
20 : “अच्छे काम करते रहिये चाहे लोग तारीफ करें या न करें आधी से ज्यादा दुनिया सोती रहती है ‘सूरज’ फिर भी उगता हैं.”
21 : “पहचान से मिला काम थोडे बहुत समय के लिए रहता हैं लेकिन काम से मिली पहचान उम्रभर रहती हैं.”
22 : “जिंदगी अगर अपने हिसाब से जीनी हैं तो कभी किसी के फैन मत बनो.”
23 : “जब गलती अपनी हो तो हमसे बडा कोई वकील नही जब गलती दूसरो की हो तो हमसे बडा कोई जज नही.”
24 : “आपका खुश रहना ही आपका बुरा चाहने वालो के लिए सबसे बडी सजा हैं.”
25 : “कोशिश करना न छोड़े, गुच्छे की आखिरी चाबी भी ताला खोल सकती हैं.”
26 : “इंतजार करना बंद करो, क्योकिं सही समय कभी नही आता.”
27 : “जिस दिन आपके Sign – Autograph में बदल जाएंगे, उस दिन आप बड़े आदमी बन जाओगें.”
28 : “काम इतनी शांति से करो कि सफलता शोर मचा दे.”
29 : “तब तक पैसे कमाओ जब तक तुम्हारा बैंक बैलेंस तुम्हारे फोन नंबर की तरह न दिखने लगें.”
30 : “अगर एक हारा हुआ इंसान हारने के बाद भी मुस्करा दे तो जीतने वाला भी जीत की खुशी खो देता हैं. ये हैं मुस्कान की ताकत.”
Hope you enjoyed Hindi Motivational Quotes. If yes, Share with your friends & leave your comments!                                                                          
                                                                                               By -Arun Rajak
                                                                                                       Student

उबुन्टु ( UBUNTU ) – एक सुंदर कथा :

उबुन्टु ( UBUNTU ) – एक सुंदर कथा :
कुछ आफ्रिकन आदीवासी बच्चों को एक मनोविज्ञानी ने एक खेल खेलने को कहा।
उसने एक टोकरी में मिठाइयाँ और कैंडीज एक वृक्ष के पास रख दिए।
बच्चों को वृक्ष से 100 मीटर दूर खड़े कर दिया।
फिर उसने कहा कि, जो बच्चा सबसे पहले पहुँचेगा उसे टोकरी के सारे स्वीट्स मिलेंगे।
जैसे ही उसने, _रेड़ी स्टेडी गो_ कहा…..
तो जानते हैं उन छोटे बच्चों ने क्या किया ?
सभी ने एक दुसरे का हाँथ पकड़ा और एक साथ वृक्ष की ओर दौड़ गए.
पास जाकर उन्होंने सारी मिठाइयाँ और कैंडीज आपस में बराबर बाँट लिए और मजे ले लेकर खाने लगे।
जब मनोविज्ञानी ने पूछा कि, उन लोगों ने ऐंसा क्यों किया ?
तो उन्होंने कहा— “उबुन्टु ( Ubuntu ) ”
जिसका मतलब है,
” कोई एक व्यक्ति कैसे खुश रह सकता है जब, बाकी दूसरे सभी दुखी हों_ ? “
उबुन्टु* ( Ubuntu ) का उनकी भाषा में मतलब है,
” मैं हूँ क्योंकि, हम हैं ! “
सभी पीढ़ियों के लिए एक सुन्दर सन्देश,
आइए इस के साथ सब ओर जहाँ भी जाएँ, खुशियाँ बिखेरें,
आइए  उबुन्टु  ( Ubuntu ) वाली जिंदगी जिएँ…..
” मैं हूँ, क्योंकि, हम हैं….!!!
I AM,_Because_, WE ARE…..!!!”
साथ सदैव बना रहै…!                                            

                                                                                   Story  By   -Arun Rajak
                                                                                             Student  

Sunday, 27 August 2017

We are the future :- Song By Sonia Shirsat

हम भविष्य हैं
न सिर्फ वह, लेकिन हम .....
हम एक टीम के रूप में काम करते हैं
हम अपने पंथ से रहते हैं, हम विश्वास करते हैं।
कि हम, भविष्य हैं !!
हमारे पास शक्ति है, हमारे पास ताकत है
हम दौड़ को पूरा करेंगे, कोई बात नहीं लंबाई
हम एक साथ काम करते हैं, पूरी तरह से एटीम। हर चुनौती, हर संभव और हर लक्ष्य को स्वीकार करते हुए।
हम भविष्य हैं
भविष्य की अज्ञात, यह एक कहानी अनकही है यह एक अनदेखी फिल्म है, जिसे आप और मेरे द्वारा बनाया जाए
वे जो आपको बताते हैं, हमारे भावी उज्जवल नहीं।
हम हर बाधा का सामना करेंगे, हम ऊंचाई चढ़ाई करेंगे
हम भविष्य हैं।
शहरों और कस्बों से, यहां हम आए हैं
एक साथ, हमारे देश का निर्माण करने के लिए
युवा महिलाओं और पुरुषों, हाथ में चलने वाले बैंड
हम अपने पंथ के द्वारा भारतीयों के लिए गर्व महसूस करते हैं
हम भविष्य हैं!! 

Someone does not ask me why I get angry, people ask me how to end my anger. :- कोई मुझसे ये नहीं पूछता कि मुझे क्रोध क्यों आता है, लोग पूछते हैं कि मैं अपने क्रोध का अंत कैसे करूँ ?

                                                                                                                                                                                                                       भगवान बुद्धअक्सर अपने शिष्यों को शिक्षा प्रदान किया करते थे। एक दिन प्रातः काल बहुत से भिक्षुक उनका प्रवचन सुनने के लिए बैठे थे । बुद्ध समय पर सभा में पहुंचे, पर आज शिष्य उन्हें देखकर चकित थे क्योंकि आज पहली बार वे अपने हाथ में कुछ लेकर आए थे। करीब आने पर शिष्यों ने देखा कि उनके हाथ में एक रस्सी थी। बुद्ध ने आसन ग्रहण किया और बिना किसी से कुछ कहे वे रस्सी में गांठें लगाने लगे ।

वहाँ उपस्थित सभी लोग यह देख सोच रहे थे कि अब बुद्ध आगे क्या करेंगे ; तभी बुद्ध ने सभी से एक प्रश्न किया, ‘ मैंने इस रस्सी में तीन गांठें लगा दी हैं , अब मैं आपसे ये जानना चाहता हूँ कि क्या यह वही रस्सी है, जो गाँठें लगाने से पूर्व थी ?’

एक शिष्य ने उत्तर में कहा,” गुरूजी इसका उत्तर देना थोड़ा कठिन है, ये वास्तव में हमारे देखने के तरीके पर निर्भर है। एक दृष्टिकोण से देखें तो रस्सी वही है, इसमें कोई बदलाव नहीं आया है । दूसरी तरह से देखें तो अब इसमें तीन गांठें लगी हुई हैं जो पहले नहीं थीं; अतः इसे बदला हुआ कह सकते हैं। पर ये बात भी ध्यान देने वाली है कि बाहर से देखने में भले ही ये बदली हुई प्रतीत हो पर अंदर से तो ये वही है जो पहले थी; इसका बुनियादी स्वरुप अपरिवर्तित है।”                                                                                                                                                                                                                          “सत्य है !”, बुद्ध ने कहा ,” अब मैं इन गांठों को खोल देता हूँ।”यह कहकर बुद्ध रस्सी के दोनों सिरों को एक दुसरे से दूर खींचने लगे। उन्होंने पुछा, “तुम्हें क्या लगता है, इस प्रकार इन्हें खींचने से क्या मैं इन गांठों को खोल सकता हूँ?”

“नहीं-नहीं , ऐसा करने से तो या गांठें तो और भी कस जाएंगी और इन्हे खोलना और मुश्किल हो जाएगा। “, एक शिष्य ने शीघ्रता से उत्तर दिया।

बुद्ध ने कहा, ‘ ठीक है , अब एक आखिरी प्रश्न, बताओ इन गांठों को खोलने के लिए हमें क्या करना होगा ?’

शिष्य बोला , "इसके लिए हमें इन गांठों को गौर से देखना होगा, ताकि हम जान सकें कि इन्हे कैसे लगाया गया था , और फिर हम इन्हे खोलने का प्रयास कर सकते हैं।"

“मैं यही तो सुनना चाहता था। मूल प्रश्न यही है कि जिस समस्या में तुम फंसे हो, वास्तव में उसका कारण क्या है, बिना कारण जाने निवारण असम्भव है। मैं देखता हूँ कि अधिकतर लोग बिना कारण जाने ही निवारण करना चाहते हैं , कोई मुझसे ये नहीं पूछता कि मुझे क्रोध क्यों आता है, लोग पूछते हैं कि मैं अपने क्रोध का अंत कैसे करूँ ? कोई यह प्रश्न नहीं करता कि मेरे अंदर अंहकार का बीज कहाँ से आया , लोग पूछते हैं कि मैं अपना अहंकार कैसे ख़त्म करूँ ?
प्रिय शिष्यों , जिस प्रकार रस्सी में में गांठें लग जाने पर भी उसका बुनियादी स्वरुप नहीं बदलता उसी प्रकार मनुष्य में भी कुछ विकार आ जाने से उसके अंदर से अच्छाई के बीज ख़त्म नहीं होते। जैसे हम रस्सी की गांठें खोल सकते हैं वैसे ही हम मनुष्य की समस्याएं भी हल कर सकते हैं। इस बात को समझो कि जीवन है तो समस्याएं भी होंगी ही , और समस्याएं हैं तो समाधान भी अवश्य होगा, आवश्यकता है कि हम किसी भी समस्या के कारण को अच्छी तरह से जानें, निवारण स्वतः ही प्राप्त हो जाएगा । ” , महात्मा बुद्ध ने अपनी बात पूरी की।  


दोस्तों आपको यह स्टोरी "Hindi Motivational Story from भगवान बुद्ध"  कैसी लगी और आपने क्या सीखा वो हमारे साथ कमेंट बॉक्स में ज़रूर शेयर करे |           



                                                         - Arun Rajak
                                                       Student